"खाया-पिया शरीर में नहीं लगना" का मतलब होता है कि हम भोजन तो ले रहे हैं लेकिन उसका असर शरीर में नहीं हो रहा — जैसे वजन नहीं बढ़ता, शरीर दुबला-पतला रहता है, कमजोरी बनी रहती है। आयुर्वेद में इसे "अजीर्ण", "अग्निमांद्य" या "मालावरोध" जैसे दोषों से जोड़ा जाता है।
[I.] कारण – खाया पिया शरीर में क्यों नहीं लगता है? (आयुर्वेदिक दृष्टि से)
[1.] जठराग्नि की कमजोरी (Digestive fire weak)
- खाना ठीक से नहीं पचता, जिससे शरीर रस, रक्त, मांस, मेद आदि धातुओं को नहीं बना पाता।
[2.] अविपाक (Malabsorption)
- पचा हुआ भोजन भी शरीर में अच्छे से अवशोषित नहीं होता।
[3.] कृमि दोष (Intestinal worms)
- शरीर के अंदर कृमि यानी कीड़े पनप जाते हैं जो भोजन के रस को खा जाते हैं।
[4.] मानसिक विकार (Mental factors)
- अधिक चिंता, क्रोध, तनाव – ये सब पाचन अग्नि को मंद कर देते हैं।
[5.]निद्रा और दिनचर्या दोष
- कम नींद, अनियमित भोजन, ज़्यादा जंक फूड या बिना भूख खाया गया भोजन।
[II.] आयुर्वेदिक नुस्खे – खाया पिया शरीर में कैसे लगे (डिटेल में)
[1.] जठराग्नि बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय
(क) त्रिकटु चूर्ण :
- सामग्री: सौंठ + काली मिर्च + पिपली (1:1:1)
- सेवन: भोजन से 15 मिनट पहले 1/2 चम्मच शहद के साथ
- लाभ: भूख बढ़ाता है, अग्नि को तेज करता है
(ख) अजवाइन-हींग-नींबू रस चूर्ण :
- भोजन के बाद 1/2 चम्मच गुनगुने पानी के साथ
- पेट साफ करता है, गैस हटाता है
(ग) अग्नितुंडी वटी / हिंगवाष्टक चूर्ण :
- कब्ज, गैस और अपच में उपयोगी (आयुर्वेदाचार्य से सलाह लें)
[2.] कृमि नाश के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे
(क) नीम की पत्तियाँ :
- रोज़ सुबह खाली पेट 5-7 कोमल पत्तियाँ चबाएँ
(ख) विदंग चूर्ण :
- रात को 1/2 चम्मच गर्म पानी से लें (3–5 दिन)
(ग) कृमिघ्न वटी :
- सुबह-शाम 1 गोली खाली पेट (डॉक्टर से पूछकर)
[3.] पौष्टिकता बढ़ाने वाले आयुर्वेदिक टॉनिक / द्रव्य
(क) अश्वगंधा चूर्ण :
- 1 चम्मच दूध के साथ रात को
- शरीर में बल, मांस और वजन बढ़ाता है
(ख) शतावरी चूर्ण :
- 1 चम्मच सुबह-शाम दूध के साथ
- पाचन और पोषण शक्ति दोनों बढ़ाता है
(ग) च्यवनप्राश :
- रोज़ सुबह 1–2 चम्मच गुनगुने दूध के साथ
- रोग प्रतिरोधक शक्ति, मांस और बल बढ़ाता है
(घ) सुवर्ण भस्म युक्त सप्लीमेंट :
- जैसे द्राक्षादि लेह, अश्वगंधादि लेह्य (वैद्य की सलाह से लें)
[4.] आयुर्वेदिक आहार-विहार (डाइट और दिनचर्या)
खाने के नियम:
- भूख लगने पर ही खाएं
- खाना चबा-चबाकर खाएं
- भोजन के बाद वज्रासन में 5 मिनट बैठें
क्या खाएं:
- घी, दूध, छाछ, मूंग दाल, दलिया, पका हुआ केला
- बादाम, अखरोट, अंजीर, छुहारे
- सूप, खिचड़ी, हल्का गरम खाना
क्या न खाएं:
- बासी, ठंडा, बहुत तीखा-चटपटा खाना
- ज़्यादा चाय-कॉफी, कोल्ड ड्रिंक
- तनाव में खाना
[5.] योगासन और प्राणायाम (पाचन सुधारने के लिए)
- भुजंगासन – पाचन तंत्र मजबूत करता है
- पवनमुक्तासन – गैस और कब्ज से राहत
- वज्रासन – भोजन के बाद बैठना चाहिए
- अनुलोम-विलोम, कपालभाति – मस्तिष्क और पाचन दोनों के लिए
[III.] संक्षेप में समाधान योजना (7 दिन की शुरुआत के लिए)
| समय | कार्य/सेवन | लाभ |
| सुबह उठते ही | गुनगुना पानी + नींबू | पाचन को चालू करता है |
| खाली पेट | नीम पत्तियाँ या त्रिफला | पेट साफ करता है, कीड़े मारता है |
| नाश्ता | दूध + केला + सूखे मेवे | पौष्टिक, वजन बढ़ाने वाला |
| दोपहर | घी वाली रोटी + दाल + दही | पाचनयोग्य बलवर्धक खाना |
| शाम | मूंगफली/चने + शेक | ऊर्जा और पोषण |
| रात | दूध + अश्वगंधा | नींद, ताकत और मांस बढ़ाता है |
[IV.] अगर लक्षण बने रहें तो जाँच करवाएँ:
- CBC – शरीर में खून की कमी तो नहीं?
- Stool Test – कृमि या संक्रमण तो नहीं?
- Thyroid Test (TSH) – थायरॉइड तो नहीं?
- Vitamin B12 / D Test – पोषण की कमी तो नहीं?
🙏धन्यवाद 🙏
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