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जोड़ो में दर्द के राहत के लिए आयुर्वेदिक तेल ।

 

इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे की जोड़ों, घुटनों के दर्द के लिए 10 प्रसिद्ध आयुर्वेदिक तेलों के बारे में जिनका उपयोग जोड़ों के दर्द के लिए किया जाता है, साथ ही उनकी सामग्री, लाभ, उपयोग की विधि और विशेष सावधानियाँ बताई गई हैं ।

 [1.]  महा नारायण तेल (Mahanarayan Taila)

सामग्री:  अश्वगंधा, गोखरू, दशमूल, तिल का तेल

 लाभ:

 वात दोष को शांत करता है

 सूजन और कठोरता को कम करता है

 गठिया और कमर दर्द में अधिक लाभकारी है।

  प्रयोग:  हल्का गर्म करके जोड़ों पर मालिश करें, दिन में   1-2 बार।

 [2.] महा विशगर्भ तेल (Maha Vishgarbha Taila)

सामग्री:  तिल का तेल, धतूरा, कुचला, चित्रक

लाभ:

 तीव्र और पुराने दर्द में प्रभावी

 तंत्रिका संबंधी दर्द में भी उपयोगी है एवं 

 गठिया और आर्थराइटिस में भी राहत

प्रयोग: जोड़ों पर धीरे-धीरे मसाज करें। त्वचा पर प्रयोग से पहले पैच टेस्ट करें।

 [3.] धन्वंतरम तेल (Dhanwantharam Thailam)

सामग्री:  दशमूल, तिल का तेल, अश्वगंधा, बाला

लाभ:

 वात और कफ विकारों में उपयोगी

 नसों की कमजोरी और सूजन में लाभ

 सर्जरी के बाद रिकवरी में भी काफी सहायक है।

 प्रयोग:  स्नान से पहले पूरे शरीर पर मालिश करें।

[4.] कुंटलकेश तेल (Kottamchukkadi Thailam)

सामग्री:  कोट्टम (Saussurea lappa), चुक्कू (सूखा अदरक), दशमूल

लाभ:

 वात रोग, पीठ दर्द और सायटिका में फायदेमंद

 गर्म प्रवृत्ति वाला तेल – एवं ठंड में विशेष उपयोगी के लिए।

प्रयोग:  हल्का गर्म करके जोड़ों पर लगाएं।

[5.]  नारायणी तेल (Narayani Taila)

सामग्री:  त्रिफला, चित्रक, सौंठ, दशमूल, कर्पूर

लाभ:

 वात और कफ नाशक

 सूजन, अकड़न और दर्द को दूर करता है साथ ही जोड़ो के दर्द में राहत देने वाली।

प्रयोग: नियमित रूप से जोड़ों पर मालिश करें।

[6.] सैंधव तेल (Sandhav Taila)

सामग्री:  सैंधव नमक, अदरक, तिल तेल

लाभ:

 जोड़ों की सूजन और अकड़न में लाभदायक

 रक्त संचार बेहतर करता है एवं नसों में ऊर्जा भरती है।

प्रयोग:  गर्म करके मालिश करें, उसके बाद गर्म कपड़े से ढक दें।

[7.]  बाला तेल (Bala Taila)

सामग्री: बाला (Sida cordifolia), तिल का तेल

लाभ:

 स्नायु तंत्र को मजबूत करता है

 गठिया और लकवा में उपयोगी है और नसों में रक्त संचार करने में मदद करती है 

प्रयोग: रोजाना सुबह और शाम को मसाज करें।

 [8.] नवरत्न तेल (Navratna Taila)

सामग्री:  9 औषधीय तेलों का मिश्रण, मेंथॉल, कपूर

लाभ:

 दर्द, थकान, सिरदर्द और तनाव में राहत

 मांसपेशियों की ऐंठन में लाभकारी एवं थकावट में काफी राहत देती है।

प्रयोग:  हल्के हाथ से मसाज करें।

[9.] रुमालिन तेल (Rumalaya Liniment/Himalaya)

सामग्री: धातकी, निर्गुंडी, महानारायण

लाभ:

जोड़ों की सूजन और दर्द में राहत

 मांसपेशियों की ऐंठन में सहायक एवं शरीर में रक्त संचार करने में मदद करती है।

प्रयोग: प्रभावित स्थान पर हल्के से लगाएं और रगड़ें।

[10.] पीर तेल (Pain Relief Oil – पातंजलि या अन्य ब्रांड)

सामग्री: हल्दी, निर्गुंडी, सौंठ, तिल का तेल

लाभ:

मांसपेशी और हड्डी के दर्द में असरदार है 

 एवं आयुर्वेदिक और प्राकृतिक रूप से जोड़ो और दर्द में राहत देती है।

प्रयोग: हल्का गर्म करके मालिश करें।


  महत्वपूर्ण सुझाव:

 -गर्म पानी में स्नान से पहले तेल की मालिश करें।

 - नियमित उपयोग से ही लाभ होता है।

 -  अगर त्वचा पर एलर्जी या जलन हो, तो तुरंत प्रयोग बंद करें।

 - आहार से वात बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ (जैसे दही, ठंडा पानी) कम करें।

 -  उपयोग से पहले अपने डॉक्टर से सुझाव जरूर लें।

 -  सभी दवाओं को बताई गई अनुसार उपयोग करें।

 -  अच्छी रिजल्ट के लिए दवाओं को लगातार इस्तेमाल करें।


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