इस ब्लॉग में किडनी खराब होने वाली बीमारियाँ, उनके प्रकार, मुख्य कारण, और बचने की दवाइयाँ (इलाज) की विस्तृत जानकारी बताई गई है।
[1.] किडनी की बीमारियों के प्रकार (Types of Kidney Disease): -
(क) एक्यूट किडनी इंजरी (Acute Kidney Injury AKI): -
अचानक किडनी काम करना बंद कर देती है।
यह कुछ दिनों या हफ्तों में हो सकता है।
(ख) क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (Chronic Kidney Disease – CKD): -
धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी, जो कई महीनों या वर्षों में होती है।
- 5 स्टेज होती हैं। अंतिम स्टेज में डायलिसिस या ट्रांसप्लांट की ज़रूरत होती है।
(ग) ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Glomerulonephritis): -
किडनी के फिल्टरिंग यूनिट्स (ग्लोमेरुली) में सूजन।
(घ) नेफ्रोटिक सिंड्रोम (Nephrotic Syndrome): -
पेशाब में बहुत ज्यादा प्रोटीन निकलता है।
इससे शरीर में सूजन, थकान और यूरिन में झाग होता है।
(ङ) पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD): -
एक अनुवांशिक रोग, जिसमें किडनी में पानी भरी गांठें (सिस्ट) बनती हैं।
(च) किडनी स्टोन (Kidney Stones): -
पेशाब में कैल्शियम, ऑक्सलेट आदि जमा होकर पत्थर बनते हैं।
(छ) पायलोनफ्राइटिस (Pyelonephritis): -
किडनी का संक्रमण, जो आमतौर पर ब्लैडर से फैलता है।
[2.] किडनी खराब होने के कारण (Causes of Kidney Failure): -
[ कारण ] [ विवरण ]
1. हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension) - रक्तवाहिनियों को नुकसान पहुँचाकर किडनी को कमजोर करता है।
2. डायबिटीज (मधुमेह) - किडनी के फिल्टर पर असर डालती है।
3. पेनकिलर या गलत दवाओं का ज्यादा सेवन - NSAIDs जैसे दवाएं किडनी को नुकसान पहुँचाती हैं।
4. पथरी या पेशाब का संक्रमण - किडनी की कार्यक्षमता घटा सकते हैं।
5. आनुवंशिक विकार - जैसे Polycystic Kidney Disease
6. डिहाइड्रेशन या पानी की कमी - शरीर में विषैले तत्व नहीं निकलते
7. हार्ट फेलियर - हृदय का काम ठीक न होने पर किडनी तक रक्त कम पहुँचता है।
8. धूम्रपान और शराब - किडनी की रक्तवाहिनियों पर असर डालते हैं।
[3.] किडनी खराब होने के लक्षण (Symptoms of Kidney Failure): -
- भूख की कमी
- चेहरे, हाथ-पैर में सूजन
- पेशाब में झाग, खून या बदबू
- थकान, चक्कर आना
- कम या ज्यादा पेशाब आना
- शरीर में खुजली
- साँस फूलना
- हड्डियों में कमजोरी
- उच्च रक्तचाप
- उल्टी और मिचली
[4.] किडनी खराब होने पर बचाव की दवाएँ (Medicines to Prevent or Manage Kidney Failure): -
(1) डायबिटीज और BP कंट्रोल की दवाएँ:
[ दवा का नाम ] [ उपयोग ]
- Telmisartan / Losartan / Enalapril - ब्लड प्रेशर कम करके किडनी की रक्षा करते हैं |
- Metformin / Glimepiride / Insulin - ब्लड शुगर नियंत्रण
(2) ब्लड में क्रिएटिनिन और यूरिया कंट्रोल करने की दवाएँ:
[ दवा का नाम ] [ उपयोग ]
- Ketosteril Tablets - कम प्रोटीन वाली डाइट में सहायक
- Nephrocare / Nephrosave - एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट, किडनी की रक्षा
(3) पेशाब की मात्रा बढ़ाने वाली दवाएँ (Diuretics):
[ दवा का नाम ] [ उपयोग ]
- Furosemide (Lasix) - शरीर की सूजन कम करने में
- Spironolactone - पेशाब की मात्रा बढ़ाकर जल जमाव कम करता है |
(4) संक्रमण या इंफेक्शन के लिए:
[ दवा ] [ उपयोग ]
- Ciprofloxacin / Nitrofurantoin - UTI या किडनी संक्रमण में
- पानी ज्यादा पीना और हाइजीन रखना भी जरूरी है
(5) डायलिसिस से बचने के लिए शुरुआती स्टेज में:
- सही डाइट (Low Protein, Low Sodium)
- BP और शुगर नियमित जांच
- दवा समय पर लेना
- Ketosteril, Renolog जैसी दवाएं डॉक्टर की सलाह से
[5.] किडनी की बीमारी से बचाव के उपाय (Prevention Tips): -
- रोज़ 2.5 से 3 लीटर पानी पिएं
- धूम्रपान और शराब से बचें
- नमक और तला-भुना खाना कम करें
- समय पर पेशाब रोकना नहीं चाहिए
- अधिक दवाओं या सप्लीमेंट का उपयोग न करें
- मधुमेह और BP को कंट्रोल में रखें
- नियमित रूप से यूरिन और ब्लड की जांच कराएं
[6.] किडनी की जाँचें (Kidney Tests): -
[ टेस्ट का नाम ] [ क्यों जरूरी है ]
- Serum Creatinine - किडनी की कार्यक्षमता का संकेत
- eGFR (Glomerular Filtration Rate) - किडनी स्टेज की पहचान
- Urine Protein / Microalbumin - पेशाब में प्रोटीन की मात्रा
- Ultrasound KUB - पथरी, सिस्ट या सूजन की जांच
- Renal Biopsy - यदि कारण स्पष्ट न हो
[ निष्कर्ष: ]
किडनी की बीमारियाँ धीरे-धीरे बढ़ती हैं, लेकिन यदि समय पर पता चल जाए और दवाएँ सही समय पर ली जाएँ, तो किडनी को खराब होने से बचाया जा सकता है।
जीवनशैली सुधार, नियमित जांच, और डॉक्टर की सलाह से दवा लेना सबसे जरूरी कदम हैं।
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