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अगर आपको भी सांस लेने में होती है परेशानी - तो ये हो सकता है कारण।

 

हैलो दोस्तों अगर आपको भी सांस लेने में होती है परेशानी तो (Dyspnea या श्वासकष्ट) एक सामान्य लेकिन गंभीर संकेत हो सकता है, जो शरीर के फेफड़ों, हृदय, रक्त, तंत्रिका या मानसिक स्थिति से जुड़ी किसी बीमारी की ओर इशारा करता है। इसका सही और समय पर इलाज ज़रूरी होता है, वरना स्थिति बिगड़ सकती है।

अगर आपको भी सांस लेने में होती है परेशानी - तो ये हो सकता है कारण 

1. फेफड़ों से संबंधित बीमारियाँ (Pulmonary Diseases)

(a) अस्थमा (Asthma)

क्या होता है:     फेफड़ों की वायुमार्ग में सूजन और संकुचन


लक्षण:

सांस तेजी से फूलना

घरघराहट (व्हीज़िंग)

खांसी (खासतौर पर रात में) 

छाती एवं फेफड़ों में जकड़न 


कारण:    एलर्जी, धूल, परागकण, ठंडी हवा, व्यायाम , श्वसन संक्रमण , धुम्रपान,वायुप्रदूषण।


इलाज:

इनहेलर:   Salbutamol , Budesonide

एलर्जी से बचाव:     घर की सफाई करते रहना, धूल से दूरी बनाए रखना 


प्राणायाम: अनुलोम-विलोम, भ्रामरी ओर पेट एवं छाती संबंधित योगासन 


रोकथाम:

इनहेलर का नियमित उपयोग

ट्रिगर से बचना

वार्षिक फ्लू वैक्सीन लेना

धूल और धुएं से दूरी बनाए रखना।

धूम्रपान छोड़े।

रासायनिक वायुप्रदूषण  से बचें।


(b) निमोनिया (Pneumonia)

क्या होता है:     फेफड़ों में संक्रमण और सूजन


लक्षण:    तेज बुखार, खांसी (बलगम के साथ), सांस फूलना, कमजोरी होना। तेजी से सांस लेना।


कारण:     वायरस, बैक्टीरिया (जैसे Streptococcus pneumoniae), फंगस जैसी वायरस।


इलाज:

एंटीबायोटिक (बैक्टीरियल मामलों में)

वायरल केस में आराम, दवा और ऑक्सीजन सपोर्ट

गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती


रोकथाम:

फ्लू और न्यूमोकोकल वैक्सीन

ठंडी जगहों से बचाव

समय पर इलाज जरूरी 

धूम्रपान से बचें 

हाथों की स्वच्छता।

स्वस्थ जीवन सैली।


(c) टीबी (Tuberculosis)

क्या होता है:     फेफड़ों में Mycobacterium tuberculosis नामक जीवाणु से संक्रमण


लक्षण:    3 हफ्ते से ज़्यादा खांसी, बलगम में खून, बुखार, रात को पसीना आना , मुंह से बदबू आना।


इलाज:

सरकार द्वारा निशुल्क 6-9 महीने की दवाएं (DOTS)

बलगम की जांच (CBNAAT, AFB smear)


रोकथाम:

BCG वैक्सीन

संक्रमित व्यक्ति से दूरी

खांसते समय मुंह ढकना

व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें।

धूम्रपान व शराब से बचें।


2. हृदय संबंधी बीमारियाँ (Cardiac Causes

(a) दिल की विफलता (Heart Failure)

क्या होता है:    दिल की पंप करने की क्षमता घट जाती है, जिससे फेफड़ों में तरल भर जाता है।


लक्षण:

लेटने पर सांस फूलना

पैरों में सूजन होना

पूरे शरीर थकान होना

बार-बार पेशाब लगना 


इलाज:

दवाएं:    Furosemide (पेशाब की दवा), Enalapril, Beta-blockers

नमक और पानी कम करना

रेगुलर चेकअप और ECG/ECHO


रोकथाम:

ब्लड प्रेशर और शुगर नियंत्रित रखना

धूम्रपान और शराब से बचना

नियमित व्यायाम करना।

वायुप्रदूषण जगहों से  बचना।

योगा एवं एक्सरसाइज करना।


3. खून की कमी (Anemia)

क्या होता है:    शरीर में ऑक्सीजन ले जाने वाली हीमोग्लोबिन की कमी


लक्षण:

हलकी मेहनत में सांस फूलना

थकान महसूस होना।

चक्कर आना 

त्वचा पीली पड़ना

शरीर से बार बार पसीने आना।


कारण:

आयरन या विटामिन की कमी

लंबे समय से खून की कमी (जैसे मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव)


इलाज:

आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन B12 की गोलियां

खून चढ़ाना (severe anemia में)

पोषणयुक्त आहार – गुड़, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ


रोकथाम:

आयरन युक्त भोजन करना 

नियमित जांच करवाएं।

महिलाओं में पीरियड की अनियमितता का इलाज

स्वस्थ जीवन सैली बनाए रखना।

योग क्रिया में ध्यान।


4. मानसिक कारण (Anxiety / Panic Attack)


लक्षण:

अचानक सांस रुकना या तेज चलना

दिल की धड़कन बढ़ना

डर या घबराहट होना 

पसीना आना

शरीर में कंपकपी होना।


इलाज:

मनोचिकित्सक की सलाह

योग, ध्यान, रिलैक्सेशन

दवाएं (जैसे Clonazepam, Sertraline) – केवल डॉक्टर के निर्देश से


रोकथाम:

नियमित दिनचर्या

पर्याप्त नींद लेना

ध्यान, गहरी सांस लेना, स्ट्रेस कम करना

योग  व एक्सरसाइज करना।

खुले वातावरण में समय बिताना।


5. कोविड-19 या पोस्ट कोविड समस्याएं

लक्षण: बुखार, खांसी, सांस की तकलीफ, कमजोरी, ऑक्सीजन की कमी


इलाज:

घर पर आइसोलेशन (मामूली केस में)

ऑक्सीजन सपोर्ट (गंभीर मामलों में)

स्टेरॉयड, एंटीवायरल दवाएं

पोस्ट कोविड में ब्रीदिंग एक्सरसाइज ज़रूरी


रोकथाम:

वैक्सीन लेना

मास्क पहनना 

भीड़भाड़ से बचना

योग व एक्सरसाइज करना।

आयुर्वेदिक नुस्खे को अपनाना।


[ जांचें जो डॉक्टर कर सकते हैं ]


छाती का X-ray या HRCT स्कैन

ब्लड टेस्ट: CBC, Hb, ESR

ECG और 2D Echo (दिल की जांच)

PFT (Pulmonary Function Test)

SpO2 (ऑक्सीजन स्तर की जाँच)

स्पूटम जांच (बलगम की जांच – TB आदि के लिए)


सांस की तकलीफ से बचने के उपाय (रोकथाम)


 रोकथाम का तरीका                              विवरण                                 

धूम्रपान छोड़ें                          फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है       

प्रदूषण से बचें             मास्क पहनें, धूलभरी जगहों से बचें   

संतुलित आहार                 आयरन, विटामिन युक्त भोजन              

योग व प्राणायाम             श्वसन क्रिया को मजबूत बनाते हैं   

वैक्सीनेशन                  फ्लू, न्यूमोनिया, COVID वैक्सीन 

                                  जरूरी 


नियमित हेल्थ चेकअप        पहले से पता चलने पर इलाज

                                       आसान  


कब तुरंत डॉक्टर से मिलें?

सांस लेने में अचानक तकलीफ हो

सीने में तेज दर्द हो

होंठ नीले पड़ जाएं

ऑक्सीजन स्तर (SpO2) 92% से कम हो

खांसी में खून आने लगे


निष्कर्ष:

अगर आपको भी सांस लेने में होती है परेशानी तो मेडिसिन लेने से पहले डॉक्टर से चेक जरूर करवाएं और हो सके तो अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज और योगा को जरूर शामिल करें इससे आपके शरीर में बीमारियों से लड़ने में मदद मिलेगी एवं अपने डाइट प्लान का ख्याल जरूर रखें जिससे आपकी शरीर फिट हो सके ।

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