गर्मी में लू लगना एक आम लेकिन खतरनाक स्थिति है, जो अधिक तापमान और तेज़ गर्म हवाओं का कारण होती है। इसे हीट स्ट्रोक (heat stroke) भी कहा जाता है। आइए विस्तार से जानें लू लगने के कारण, लक्षण और समस्या से बचाव के उपाय:
[लू लगने का कारण]
[1.] तेज धूप में ज्यादा समय बिताना
दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक की धूप सबसे तेज होती है। इस समय बाहर रहने पर शरीर का तापमान बढ जाता है।
[2.] गर्म और शुष्क हवाएँ
लू के मौसम में हवा में नमी बहुत कम होती है और गर्म हवाएं शरीर से पसीना सुखा देती हैं, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित नहीं हो पाता।
[3.] शरीर में पानी और नमक की कमी
अधिक पसीना आने से शरीर में पानी और जरूरी लवण (इलेक्ट्रोलाइट्स) की कमी हो जाती है।
[4.] अत्यधिक शारीरिक परिश्रम
गर्मी में अधिक मेहनत करना (जैसे खेत में काम, निर्माण कार्य आदि) शरीर को थका देता है और लू लगने की संभावना बढ़ जाती है।
[5.] गलत खानपान या गर्म खाना खाना
गर्मी में मसालेदार, गरम या बासी खाना खाने से शरीर पर अतिरिक्त भार पड़ता है।
[लू लगने के लक्षण]
- तेज़ बुखार (104°F या अधिक)
- सिरदर्द और चक्कर आना
- कमज़ोर या थकावट
- अत्यधिक पसीना या कभी-कभी पसीना बंद हो जाना
- त्वचा का लाल और गर्म होना
- उल्टी या मितली
- साँस तेज़ चलना
- भ्रम या बेहोशी
[लू से बचने के उपाय]
[1.] धूप मे निकलने से बचे
दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर न निकले, खासकर जब धूप बहुत तेज हो।
[2.] हल्के और ढीले कपड़े पहनें
सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनें ताकि शरीर का तापमान संतुलित रहे।
[3.] पानी अधिक पीएं
दिन भर भरपूर पानी, नींबू का पानी, शिकंजी, नारियल का पानी या छाछ पीएं।
[4.] सिर को ढकें
बाहर निकलते समय टोपी, छाता या गमछा सिर पर रखें।
[5.] ठंडा और तरल पदार्थ पीएं
जैसे-तरबूज, खेड़ा, ककड़ी, दही आदि। इससे शरीर ठंडा रहता है।
[6.] बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान
ये लू के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
[7.] घर को ठंडा रखें
खिड़की-दरवाज़ों पर गीले पर्दे लगाएं, पंखे/कूलर का उपयोग करें।
[ लू लग जाए तो क्या करें ]
- व्यक्ति को तुरंत छांव या ठंडी जगह पर ले जाएं।
- उसके कपड़े ढीले कर दें और ठंडे पानी से बदन पोछें।
- ओआरएस (ओआरएस), नमक-चीनी का घोल या नींबू का पानी दें।
- सिर पर ठंडी पट्टियाँ रखें।
- यदि स्थिति गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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